Mitra par kavita

मित्र | Mitra par kavita

मित्र

( Mitra )

 

अर्पण दर्पण और समर्पण
मित्र तेरी यह पहचाने है l
दुख में भय में और सुखों में
हाथ मेरा वह थामें हैl
वादों, रिश्तो से और नातो से
ऊंचे उसके पैमाने हैंl
गलत सही जो मुंह पर
कह जाए
दोस्त वही सुहाने हैंl
ताकत साहस और ढाढस, में
मित्र ही काम आने हैंl

❣️

डॉ प्रीति सुरेंद्र सिंह परमार
टीकमगढ़ ( मध्य प्रदेश )

यह भी पढ़ें :-

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *